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Lai Ching te won the presidential election in Taiwan snakes crawling on Chia President Xi Jinping chest/चीन का ये कट्टर विरोधी जीत गया ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव, शी जिनपिंग के सीने पर लोटने लगे सांप

लाइ चिंग ते बने ताइवान के नए राष्ट्रपति। - India TV Hindi

ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव संपन्न होने के बाद आए नतीजों ने चीन के सपनों को चकनाचूर कर दिया है। चीन समर्थक उम्मीदवार की इस चुनाव में भारी हार हुई है। वहीं कट्टर चीन विरोधी उम्मीदवार की धमाकेदार जीत हुई है। इससे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सीने पर सांप लोटने लगे हैं। अमेरिका की मध्यस्थता में ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव आखिरकार संपन्न हो गया है। इस चुनाव में ताइवान की सत्तारूढ़ चीन विरोधी पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव में बंपर जीत दर्ज की है। रिपोर्ट के अनुसार ताइवान के मौजूदा उपराष्ट्रपति लाइ चिंग ते ने राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। इससे चीन में खलबली मच गई है। सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) का प्रतिनिधित्व कर रहे उपराष्ट्रपति लाइ चिंग-ते निवर्तमान राष्ट्रपति ताई इंग-वेन के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे। 

बता दें कि चीन लाइ चिंग ते को खतरनाक अलगाववादी मानता है और इस रूप में कई बार उनकी निंदा भी की है। विवादित मुद्दों पर बातचीत के लिए लाइ चिंग ते के बार-बार के आह्वान को भी चीन खारिज कर चुका है। वहीं लाइ का कहना है कि वह ताइवान जलडमरूमध्य में शांति बनाए रखने और द्वीप की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ताइवान की सत्तारूढ़ पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार लाई चिंग-ते ने शनिवार को वह चुनाव जीता, जिसे चीन ने युद्ध और शांति के बीच एक विकल्प के रूप में चुना था।

विपक्षी पार्टी ने स्वीकार की हार

ताइवान की मुख्य विपक्षी पार्टी कुओमितांग (केएमटी) के उम्मीदवार होउ यू-इह ने इस चुनाव में हार स्वीकार कर ली है। वहीं ताइवान की अलग पहचान की वकालत करने वाली लाइ की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी ने जबरदस्त जीत दर्ज की है। लाइ चिंग ते की पार्टी चीन के क्षेत्रीय दावों को खारिज करती है। यह पार्टी लगातार तीसरे कार्यकाल की मांग कर रही थी, जो ताइवान की मौजूदा चुनावी प्रणाली के तहत अभूतपूर्व था। मगर आखिरकार उसकी मांग मतदाताओं ने पूरी कर दी है। लाइ को राष्ट्रपति पद के लिए दो विरोधियों  केएमटी के होउ और छोटे ताइवान पीपुल्स पार्टी के पूर्व ताइपे मेयर को वेन-जे का सामना करना पड़ रहा था, जिसकी स्थापना 2019 में ही हुई थी। मतदान से पहले दक्षिणी शहर ताइवान में पत्रकारों से बात करते हुए लाइ ने लोगों को मतदान करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने संक्षिप्त टिप्पणी में कहा, “प्रत्येक वोट मूल्यवान है, क्योंकि यह ताइवान का कड़ी मेहनत से अर्जित लोकतंत्र है।

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